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Bhima attempts to lift Hanuman's tail. Hundreds of years once the functions of the Ramayana, And through the activities on the Mahabharata, Hanuman has become a virtually forgotten demigod living his existence within a forest. Immediately after some time, his spiritual brother in the god Vayu, Bhima, passes by way of trying to find bouquets for his wife. Hanuman senses this and decides to teach him a lesson, as Bhima were acknowledged to get boastful of his superhuman power (at this point in time supernatural powers were much rarer than inside the Ramayana but nonetheless found in the Hindu epics).

जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥ सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै ।

Hanuman using a Namaste (Anjali Mudra) posture The indicating or origin of your word "Hanuman" is unclear. Within the Hindu pantheon, deities ordinarily have quite a few synonymous names, Just about every determined by some noble characteristic, attribute, or reminder of a deed obtained by that deity.

भावार्थ – हे महाप्रभु हनुमान जी! संसार के जितने भी कठिन कार्य हैं वे सब आपकी कृपामात्र से सरल हो जाते हैं।

व्याख्या – श्री हनुमान जी की चतुर्दिक प्रशंसा हजारों मुखों से होती रहे ऐसा कहते हुए भगवान् श्री राम जी ने श्री हनुमान जी को कण्ठ से लगा लिया।

“Hanuman will launch These from difficulties who meditate upon him inside their thoughts, steps and phrases.”

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी ॥ तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।..

भावार्थ – हे हनुमान जी! चारों युगों (सत्ययुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग ) – में आपका प्रताप जगत को सदैव प्रकाशित करता चला आया है ऐसा लोक में प्रसिद्ध है।

व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।

Should you have much more time then You can even chant Hanuman Chalisa 108 situations, which can be claimed to convey instant benefits, if completed faithfully and with purity on the head.

सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।

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भावार्थ – अन्त समय में मृत्यु होने पर वह भक्त प्रभु के परमधाम (साकेत–धाम) जायगा और यदि उसे जन्म लेना here पड़ा तो उसकी प्रसिद्धि हरिभक्त के रूपमें हो जायगी।

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